समुद्र में केबल कटने से इंटरनेट की स्पीड में दिक्कत, भारत-पाक समेत एशिया के कई देश प्रभावित
नई दिल्ली. एशिया के कुछ हिस्सों में जिनमें भारत भी शामिल और पश्चिम-पूर्व के अन्य देशों में भी रविवार को इंटरनेट सेवा प्रभावित हुई. यह लाल सागर में समुद्र के नीचे बिछी केबल कटने से हुआ. विशेषज्ञों ने इस बात की जानकारी दी. लेकिन, लेकिन अभी यह बात साफ नहीं हुई है कि यह घटना कैसे हुई.
हालांकि, चिंता जताई जा रही है कि ये यमन के हूती विद्रोही इन केबल को निशाना बना रहे हैं. विद्रोही इसे इजराइल पर दबाव बनाने की कोशिश बता रहे हैं, ताकि वो गाजा में हमास के खिलाफ युद्ध खत्म करे. हालांकि, हूती विद्रोहियों ने पहले ऐसे हमलों से इनकार किया है.
इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रभावित हुई
इंटरनेट पहुंच पर नजर रखने वाली संस्था नेटब्लॉक्स ने कहा, लाल सागर में समुद्र के नीचे कई केबल कटने से कई देशों में इंटरनेट कनेक्टिविटी प्रभावित हुई है. जिसमें भारत और पाकिस्तान शामिल हैं. उन्होंने बताया कि यह समस्या सऊदी अरब के जेद्दा के पास SMW4 और IMEWE केबल सिस्टम में तकनीकी खराबी की वजह से हुई.
साउथ ईस्ट एशियामिडिल ईस्टवेस्टर्न यूरोप 4 केबल भारत की कंपनी टाटा कम्युनिकेशंस की ओर से चलाया जाता है, जो एक बड़े भारतीय समूह का हिस्सा है. वहीं, इंडियामिडिल ईस्टवेस्टर्न यूरोप केबल को एक अन्य कंसोर्टियम चलाता है, जिसकी निगरानी अल्काटेल-लूसेंट कर रही है. दोनों कंपनियों ने इस मामले पर अभी कोई रिएक्शन नहीं दिया.
दुबई तक पड़ा असर
सऊदी अरब ने अभी तक इस इंटरनेट सेवा में हुई बाधा को स्वीकार नहीं किया है और वहां के अधिकारियों ने टिप्पणी के अनुरोध का कोई जवाब नहीं दिया. संयुक्त अरब अमीरात, जहां दुबई और अबू धाबी मौजूद हैं, वहां देश की सरकारी कंपनियों Du और Etisalat के नेटवर्क पर इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने धीमी इंटरनेट स्पीड की शिकायत की. सरकार ने भी इस समस्या को तुरंत स्वीकार नहीं किया.
माइक्रोसॉफ्ट ने ये कहा
माइक्रोसॉफ्ट ने अपने स्टेटस वेबसाइट पर बताया कि पश्चिम एशिया लाल सागर में समुद्र के नीचे केबल कटने की वजह से इंटरनेट की स्पीड में कमी का अनुभव कर सकता है. रेडमंड, वाशिंगटन स्थित इस कंपनी ने अभी विस्तार से जानकारी नहीं दी, लेकिन कहा कि जो इंटरनेट ट्रैफिक पश्चिम एशिया से नहीं गुजर रहा है, उस पर कोई असर नहीं पड़ा है.
हूती विद्रोहियों पर संदेह
समुद्र के नीचे की केबलें कटने की यह घटना ऐसे समय में हुई है जब यमन के हूती विद्रोही, गाजा पट्टी में इजरायल हमास युद्ध को लेकर इजराइल पर लगातार हमले कर रहे हैं. इजराइल ने भी जवाबी कार्रवाई में हवाई हमले किए हैं, जिनमें विद्रोही संगठन के कई बड़े नेता मारे गए. साल 2024 की शुरुआत में, यमन की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त निर्वासित सरकार ने आरोप लगाया था कि हूती विद्रोही लाल सागर में समुद्र के नीचे की केबलों पर हमले की योजना बना रहे हैं. कई केबलें कट गईं, लेकिन हूती विद्रोहियों ने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया. रविवार की सुबह, हूती समर्थित अल-मसीरा सैटेलाइट न्यूज चैनल ने स्वीकार किया कि केबल कटने की घटना असल में हुई है.
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