बागपत//सीएचसी बागपत में एसएनएसपीए के अन्तर्गत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षित गर्भपात दिवस पर हुआ गोष्ठी का आयोजन, कार्यशाला में आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम ने प्रतिभाग किया-विवेक जैन,बागपत, उत्तर प्रदेश,darshansamikhya, in

Spread the love

सीएचसी बागपत में एसएनएसपीए के अन्तर्गत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षित गर्भपात दिवस पर हुआ गोष्ठी का आयोजन

बागपत, उत्तर प्रदेश। विवेक जैन।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बागपत में एसएनएसपीए के अन्तर्गत अंतरराष्ट्रीय सुरक्षित गर्भपात दिवस पर स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार अभियान में विशेष कार्यशाला और गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और दंपतियों को सुरक्षित गर्भ समापन सेवाओं, गर्भपात पश्चात परिवार नियोजन और कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी देना था, ताकि वे अपने स्वास्थ्य और भविष्य के निर्णय आत्मनिर्भर रूप से ले सकें। प्रशिक्षित सेवा प्रदाताओं और मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य इकाइयों में सुरक्षित तकनीक का उपयोग कर गर्भ समापन कराने से मातृ मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी लाई जा सकती है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बागपत पर स्वस्थ्य नारी सशक्त परिवार अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यशाला में आशा कार्यकर्ताओं और एएनएम ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. विभाष राजपूत ने बताया कि असुरक्षित गर्भसमापन से मातृ मृत्यु दर में लगभग 8 प्रतिशत हिस्सेदारी होती है, इसलिए महिलाओं को जागरूक होकर सुरक्षित विकल्प चुनना चाहिए। पोस्ट एबॉर्शन गर्भनिरोध और असुरक्षित गर्भसमापन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सभी आशाओं को एमटीपी एक्ट और इसके संशोधन के बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि गर्भसमापन जितना जल्दी किया जाए, उतना ही सुरक्षित होता है। इसके अतिरिक्त सुरक्षित तकनीकों और दवाइयों (एमएमए) द्वारा गर्भसमापन की प्रक्रिया पर भी पूरी जानकारी दी गई। आशा कार्यकर्ताओं को एमटीपी सेवाओं और गर्भसमापन के बाद उपलब्ध गर्भनिरोधक साधनों के लिए मिलने वाले प्रोत्साहन पर चर्चा की गई। बताया कि असुरक्षित गर्भपात आज भी महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है। इसके कारण अक्सर संक्रमण, जटिलताएँ और मातृ मृत्यु जैसी गंभीर समस्याएं सामने आती हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि अगर किसी महिला को गर्भ समापन की आवश्यकता हो तो उसे घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे समय में तुरंत नज़दीकी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या मान्यता प्राप्त अस्पताल से संपर्क करें। यहाँ प्रशिक्षित डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी कानूनी और सुरक्षित तरीके से यह सेवा उपलब्ध कराते हैं। किसी भी असुरक्षित तरीके या अनजान व्यक्ति से गर्भपात कराने की गलती न करें, क्योंकि इससे गंभीर खतरे हो सकते हैं। हमारा संदेश है- सही जगह पर, सही समय पर, सुरक्षित सेवा ही सुरक्षित मातृत्व की कुंजी है। वहीं विभिन्न स्वास्थ्य इकाइयों पर आयोजित कार्यशालाओं और संगोष्ठियों में स्वास्थ्य अधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सुरक्षित गर्भ समापन अधिनियम, महिला अधिकारों और कानूनी ढांचे के तहत सुरक्षित तकनीकों के महत्व की जानकारी दी गई। सुरक्षित गर्भपात की इस वैध प्रक्रिया में लाभार्थियों की गोपनीयता का पूरा ध्यान रखा जाता है और महिलाओं के लिए सम्मानजनक मातृत्व का वातावरण सुनिश्चित किया जाता है। कार्यक्रम में स्टॉल और जागरूकता सामग्री के माध्यम से आमजन को सुरक्षित गर्भ समापन सेवाओं, परिवार नियोजन और महिला स्वास्थ्य के विषय में जानकारी दी गई। इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग ने यह भी बताया कि आशा कार्यकर्ताओं को महिलाओं को जागरूक करने पर प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है है। सर्जिकल मेथड से सुरक्षित गर्भ समापन कराने में सहयोग देने पर आशा कार्यकर्ताओं को 150 रुपए प्रति केस, लाभार्थी का फॉलो-अप सुनिश्चित कराने पर 225 रुपए प्रति केस और आईयूसीडी सेवा में सहयोग देने पर 150 रुपए प्रति केस प्रोत्साहन राशि मिलती है। सर्जिकल मेथड से गर्भ समापन पश्चात आईयूसीडी लगवाने पर महिलाओं को 300 रुपए प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। मेडिकल मेथड से गर्भ समापन कराने में सहयोग देने पर भी आशा कार्यकर्ताओं को उचित राशि प्रदान की जाती है। स्वस्थ नारी-सशक्त परिवार अभियान के तहत आयोजित कार्यक्रम में यह संदेश दिया गया कि महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा, सुरक्षित मातृत्व और अधिकारों की जानकारी समाज की सामूहिक जिम्मेदारी है। कार्यक्रम का मुख्य संदेश भी स्पष्ट किया गया- “सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रतिबद्ध रहें, जागरूक बने और सुरक्षित रहें।” इस अवसर पर डाक्टर मोनिका सिंह, फिरोज अहमद, नर्सिंग ऑफिसर रीना के साथ-साथ समस्त ऐनम व आशाएं उपस्थित रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *