यमन की जेल में बंद भारतीय नर्स निमिषा प्रिया की फांसी की सजा फिलहाल टल गई है। निमिषा प्रिया की फांसी टालने में केरल के एक मुस्लिम धर्मगुरु ने अहम भूमिका निभाई है। ये मुस्लिम धर्मगुरु हैं कांथापुरम एपी अबुबकर मुसलियार। इन्हें ‘ग्रैंड मुफ्ती’ के नाम से भी जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुस्लिम धर्मगुरु अबुबकर मुसलियार ने यमन के एक धर्मगुरु से बात की। यमन के धर्मगुरु के दखल के बाद ही निमिषा प्रिया की फांसी की सजा टलने की बात कही जा रही है। निमिषा प्रिया को 16 जुलाई को फांसी देने की तारीख तय थी।
“कौन हैं अबुबकर मुसलियार?
केरल के कोझिकोड में रहने वाले 94 वर्षीय मुस्लिम धर्मगुरु मुसलियार, न सिर्फ भारत के बल्कि दक्षिण एशिया के सबसे प्रभावशाली मुस्लिम विद्वानों में शुमार किए जाते हैं। खासकर सुन्नी समुदाय के बीच मुफ्ती अबुबकर मुसलियार का बड़ा प्रभाव है। भारत में मुसलियार के समर्थक उन्हें ग्रैंड मुफ्ती ऑफ इंडिया के नाम से जानते हैं। हालांकि भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर ऐसे किसी शीर्षक को मान्यता नहीं दी है। अबुबकर मुसलियार ऑल इंडिया सुन्नी जमियतुल्ला उलेमा के महासचिव भी हैं। मुफ्ती अबुबकर मुसलियार मरकज नॉलेज सिटी नामक प्रोजेक्ट के अध्यक्ष भी हैं। यह कोझिकोड में एक निजी शहरी परियोजना है। इस प्रोजेक्ट के तहत कई शैक्षणिक संस्थान और सांस्कृतिक केंद्र संचालित होते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मुफ्ती अबुबकर मुसलियार ने यमन में एक सहयोगी मुस्लिम धर्मगुरु शेख हबीब उमर बिन हफीज से बात की। यमन के मुस्लिम धर्मगुरु ने ही तलाल अबदो महदी के परिवार, यमन के न्यायिक अधिकारियों और कानूनी विशेषज्ञों से बात की। भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को महदी की ही हत्या का दोषी पाया गया है। अब महदी के परिवार से ब्लड मनी लेकर निमिषा को माफी देने के लिए मनाने की कोशिश हो रही है। 15 जुलाई को एक बयान जारी कर मुस्लिम धर्मगुरु अबुबकर मुसलियार ने बताया कि उनके हस्तक्षेप के बाद निमिषा की फांसी की सजा फिलहाल टल गई है।
Story Source :Amar Ujala
Leave a Reply