आज से 84 साल पहले, 22 जून 1941 को नाज़ी जर्मनी ने सोवियत संघ पर एक बड़ा हमला शुरू किया, जिसे ऑपरेशन बारबरोसा कहा गया — यह इतिहास का सबसे बड़ा ज़मीनी हमला माना जाता है। इसमें जर्मनी और उसके सहयोगी देशों की 30 लाख से ज़्यादा फौजों ने सोवियत यूनियन पर चढ़ाई कर दी।
हिटलर को पूरा यक़ीन था कि सोवियत यूनियन बहुत जल्द हार मान लेगा। उसने अपने जनरलों से कहा था:
“हमें बस दरवाज़े पर एक लात मारनी है, और ये सड़ी हुई इमारत अपने आप ढह जाएगी।”
लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह हमला एक बेहद खूनी और लंबी लड़ाई की शुरुआत बना — जिसमें करोड़ों लोग मारे गए, और अंततः यही हमला नाज़ी शासन के पतन की बड़ी वजह बना।
इतिहास हमें सिखाता है कि घमंड और जल्दबाज़ी कितनी बड़ी कीमत ले सकती है।
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