आजाद हिंद फौज: स्वाधीनता संग्राम में शामिल भारतीय क्रांतिकारियों की सेना
अंग्रेज ईसाइयों से भारत को स्वतंत्र कराने के लिए अक्टूबर 1943 में ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किया गया था, जिसमें कैप्टन मोहन सिंह, रासबिहारी बोस एवं निरंजन सिंह गिल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.
तत्पश्चात नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने इसकी कमान संभाली और ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध संघर्ष किया. जापान द्वारा युद्धबंदी बनाए गए भारतीय सैनिकों की सहायता से नेताजी ने फौज को आगे बढ़ाया और भारत को स्वतंत्र कराने के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों को अंजाम दिया.
आजाद हिंद फौज का मुख्यालय सिंगापुर एवं रंगून में बनाया गया. 30 दिसंबर 1943 को अंडमान-निकोबार द्वीप पर स्वतंत्र भारत का ध्वज लहराकर आजाद हिंद फौज ने स्वाधीनता की ओर पहला कदम रखा.
आजाद हिंद फौज की सेना में 80 हजार से अधिक सेनानी शामिल थे, जिन्होंने भारतीय स्वाधीनता के महान संग्राम में हिस्सा लिया.
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