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25 लाख रिश्वत मांगी; दिल्ली में फर्जी पुलिसकर्मियों ने छात्रों के फ्लैट पर डाली रेड
दिल्ली में एक अजीब मामला सामने आया है।

मुर्गे की तरह बिठाया, 25 लाख रिश्वत मांगी; दिल्ली में फर्जी पुलिसकर्मियों ने छात्रों के फ्लैट पर डाली रेड
दिल्ली में एक अजीब मामला सामने आया है। फर्जी पुलिसकर्मी बनकर चार लोगों ने छात्रों के एक समूह पर फर्जी कॉल सेंटर चलाने का आरोप लगाया। फिर पश्चिमी दिल्ली में उनके घर पर फर्जी छापेमारी की।इस दौरान उन्हें मुर्गे की तरह बैठने के लिए मजबूर किया और जाने से पहले 1.55 लाख रुपये कैश ले गए। इस तरह पिछले हफ्ते सामने आए हैरान करने वाली घटना का पुलिस ने पर्दाफाश किया।

पुलिस ने बताया कि आरोपियों- 29 साल के मनप्रीत सिंह, 23 साल के जुनैद वासीद, 22 साल के कुलदीप सिंह और 22 साल के सरबजीत सिंह उर्फ ​​प्रिंस को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया। सभी पश्चिमी दिल्ली के निवासी हैं और उन पर 12 दिसंबर को डकैती और जान से मारने या गंभीर चोट पहुंचाने की कोशिश में मामला दर्ज किया गया था। छात्रों के फ्लैट पर तथाकथित ‘छापेमारी’ 10 दिसंबर को चार घंटे तक चली।

आरोपियों ने पीड़ितों को मुर्गों की तरह बैठने के लिए मजबूर किया, बंदूक पकड़े हुए उनकी तस्वीरें खींची गईं, उन्हें अपने घर में बंद रहने को कहा गया और धमकी दी गई कि वे चुप रहें, उसके बाद ही वे वहां से जाएंगे। पुलिस ने बताया कि पीड़ित – कुंज साल्वे, मोहम्मद अरीबुल हसन, आदित्य कुमार वर्मा, लवप्रीत सिंह, आदित्य वासवानी और सुजान्या गुप्ता दिल्ली यूनिवर्सिटी के छात्र हैं। ये किसी भी कॉल सेंटर स्कैम में शामिल नहीं थे।

साल्वे ने अपनी शिकायत में कहा कि 10 दिसंबर की रात करीब 9.30 बजे तीन लोगों ने उनसे और वासवानी से संपर्क किया और दावा किया कि उनके पास फर्जी कॉल सेंटर में शामिल होने का वीडियो सबूत है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि तीनों ने खुद को पुलिस कर्मचारी बताया और बाद में उनका एक सहयोगी भी वहां आ गया। कॉलेज आईडी कार्ड दिखाने और कोई भी गलत काम करने से इनकार करने के बावजूद, चारों लोगों ने जबरन उनके मोबाइल फोन ले लिए और तलाशी लेने के नाम पर उन्हें उनके फ्लैट ले आए।

साल्वे की शिकायत में बताया गया कि आरोपियों ने सभी छह छात्रों को घेर लिया, उनके साथ मारपीट की और उनके फोन और लैपटॉप जब्त कर लिए। अधिकारी ने बताया, ‘छात्रों के साथ मारपीट करने के बाद जालसाजों ने उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज न करने या उन्हें गिरफ्तार न करने के लिए 25 लाख रुपये की रिश्वत मांगी। जब छात्रों ने पैसे देने से इनकार किया, तो आरोपियों ने उन्हें बंदूक दिखाकर धमकाया और करीब 23,000 रुपये कैश वसूले और फिर उनके डेबिट कार्ड और डिटेल्स ले लिए, जिनसे उन्होंने करीब 1.32 लाख रुपये निकाल लिए।’

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