टर्निंग इंडिया
कांग्रेस नेता दीपेंदर हुडा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सेना के आंतरिक सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि इस रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अग्निवीर योजना से सेना के मनोबल, आपसी भाईचारे और एक-दूसरे के लिए मर-मिटने की भावना में गिरावट आई है।अग्निवीरों की ट्रेनिंग का समय पर्याप्त नहीं है। अग्निवीर से सेना भर्ती में कमी आई है, जिससे 2035 तक सेना में भारी शॉर्टफॉल देखने को मिलेगा।
हुडा ने कहा कि नियमानुसार सिर्फ 25 फीसदी ही अग्निवीर आगे रखे जाएंगे और बाकी को निकाल दिया जाएगा। इससे आपस में प्रतिद्वंद्विता बढ़ गई है।यह किसी भी फौज की मजबूती और मनोबल के लिए अच्छा नहीं है। किसी भी फौज का सबसे बड़ा अधिकार उसका मनोबल होता है। फौज की रिपोर्ट कहती है कि यह अग्निवीर योजना उस मनोबल के लिए, आपसी तालमेल, भाईचारे, सहयोग और आपस में मर मिटने का जो जज्बा था वह गिरा है।
फौज की रिपोर्ट में साफ है कि देश की सेना भी इस योजना से संतुष्ट नहीं है।