चाहे वजन कम करना हो या बीमारियों व दवाइयों से मुक्ति पानी हो, और वह भी भोजन को दुगना करके यह संभव है, बस सुबह का एल्केलाइन नाश्ता, दोपहर का कॉम्बिनेशन वाला भोजन और शाम के भोजन को यदि हम समझ ले तो सब संभव है।
मात्र एक माह में आप रिजल्ट प्राप्त करना प्रारम्भ कर देंगे। इस नाश्ते और हल्की सी व्यायाम पद्धति को समझ कर हजारों लोगों ने अपने जीवन मे सकारात्मक बदलाव लाया है।

सुबह का नाश्ता आपको यह सब पौष्टिक वस्तुओं के साथ आवश्यक रूप से लेना है।
■ एक चम्मच मेथीदाना ( रात में भिगोकर, सुबह पानी निकालकर)
■ एक चम्मच सफेद तिल ( रात में भिगोकर)
■ एक चम्मच सूर्यमुखी के बीज, सफेद ( रात में भिगोकर)
■ एक चम्मच वरियाली (सोंफ) ( रात में भिगोकर)
■ एक चम्मच अलसी के बीज ( सेके हुए, इसे रात में भिगोना नही है)
■ पाँच बादाम , दो अखरोट, पाँच मुनक्का ( रात में भिगोकर)
■ एक पिंड खजूर (सर्दी की सीजन में ही)
■ एक नारियल का छोटा टुकड़ा
■ करीब 100 ग्राम कच्ची दूधी ( लौकी)
■ एक सेव फल
■ एक अनार
■ एक मौसम्बी
■ पपीता, चीकू आदि अन्य सीजनल फल
■ एक कप एनर्जी टी (उकाली) सोंठ पाउडर, काली मिर्च, मुलेठी, इलायची, दालचीनी आदि से बनाई हुई। गुड के साथ उबालकर ।
■ दो गिलास छाछ

उपरोक्त सभी वस्तुए आपके इस एल्केलाइन नाश्ते में होनी चाहिए। इसके साथ नाश्ते में यदि एक आंवला( किसी भी रूप में , और एक करेले की चटनी भी ले सके तो अति उत्तम)
वैसे यह भी जरूरी नहीं है कि आवश्यक रूप से ये सारी वस्तुएं ले। अपनी अनुकूलता और उपलब्धता के हिसाब से जो भी अधिकतम संभव हो, वे वस्तुएं लेनी है। रात को भिगोने वाली वस्तुओं को अलग अलग कटोरी में भिगोना है और सुबह पानी निकालकर लेना है। निर्धारित मात्रा में ही ये वस्तुएं लेनी है। ये ऊर्जावान नाश्ता ही शरीर और मन के स्तर पर चमत्कार लायेगा।
दोपहर का भोजन
दोपहर का भोजन रेगुलर जो आप लेते है। रोटी, सब्जी, दाल , चावल, छाछ, चटनी आदि। आयुर्वेद में जो 6 रस बताए गए है, इन रसों को भोजन में परिपूर्ण कर ले तो शाम के भोजन की अतृप्ति नही बनेगी। दो तीन तरह की चटनी बनाकर रसों की पूर्ति की जा सकती है । गुड या गुड़ से बनी मिठाई लेकर मीठे रस की पूर्ति की जा सकती है।
शाम का भोजन
जिन्हे प्रमाद रहित और ऊर्जा पूर्ण जीवन जीना है, उन्हें देर रात्रि भोजन का त्याग करना चाहिए।
शाम का भोजन हल्का और सुपाच्य होना चाहिए। यदि सूर्यास्त से पहले ले सके तो अति उत्तम।
शाम के भोजन में सोमा ( भगर) की खिचड़ी, सेव, अनार, दूधी का सूप आदि लेना उत्तम । यदि सूर्यास्त के आस पास भोजन लेते है तो उसमे रोटी (चपाती) और लौकी की सब्जी ले सकते है। लौकी एसिडिटी को समाप्त करेगी।
क्या नही लेना है
सबसे महत्वपूर्ण है कि आपके आहार में इस वस्तुओं को शामिल करने से बचेंगे तो आपके राइट ब्रेन की शक्तियां विकसित होगी। आपका शरीर व्याधियों से मुक्त रहेगा।
■ मैदे से बनी हुई चीजें ।
■ तले हुए खाद्य पदार्थ (व्यंजनों को सेक कर ले सकते है)
■ दूध व दूध से बनी हुई वस्तुए ( डेरी प्रोडक्ट) केवल छाछ का प्रयोग किया जा सकता है।
■ शक्कर की जगह गुड़ से बनी मिठाई । लेकिन तली हुई नही।
■ लाल मिर्च की जगह हरी मिर्च, काली मिर्च या शिमला मिर्च।
■ तुअर दाल का प्रयोग बादी को बढ़ाने वाला होता है।
■ तमस बढ़ाने वाले जमीकंद के प्रयोग नहीं करें तो अति उत्तम
कॉम्बिनेशन वाला भोजन लाभदायक है। जैसे चावल और दाल को मिलाकर एक साथ नहीं खाना चाहिए।
और भी कई सूत्र है , जो शिविर में आने पर अच्छी तरह समझे जा सकते है।
मेरा खुद का अनुभव है, इस भोजन पद्धति को अपनाकर मैने मात्र तीन- चार माह में 20 किलो वजन कम किया था। डाइट डबल हो गई हैं। शुद्ध, सात्विक और रसपूर्ण भोजन से अच्छी कोई दवाई ही नही हैं।
व्यायाम
हमे हमेशा शरीर के ऑक्सीजन लेवल को बढ़ाने वाला व्यायाम करना चाहिए।
जैसे- नाभि झटका व्यायाम।
जिसका रिजल्ट आपको दस किलोमीटर चलने से भी अधिक मिलता है। दोनो पैरो को सीधे रखकर खड़े होकर घुटने हिलाते हुए और दोनो हाथो को कंधे के उपर रखते हुए नाक से श्वास को बाहर फैंकना होता है। यह क्रिया पांच मिनिट से लेकर तीस मिनिट तक अपने अपने सामर्थ्य के अनुसार करनी चाहिए। नाभि झटका के और भी चरण है। पर इस एक प्रयोग से भी जबरदस्त बदलाव आता है। शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ेगा तो ब्रेन की शक्तियां भी विकसित होगी।
मुख्य बात है , हमारी समझ कैसे बढ़े। शरीर के प्रति हमारा संज्ञान हो। इसे डस्टबिन नही बनाना है। बार बार खाकर या पीकर मूंह झूठा करना शरीर का अपमान है।
पैकेट फूड, बासी वस्तुएं शरीर को नुकसान पहुंचाती है।
पानी पीने के भी नियम है। बार बार पानी पीना भी शरीर के लिए नुकसानप्रद है।
आप यदि अपनी समझ को विकसित कर इस दिशा में कदम बढ़ाना चाहते हैं। इस संबंधित और भी किसी भी प्रकार के निशुल्क परामर्श हेतु अथवा अपने मित्र समूह में सुबह के एल्कलाइन, अदृश्य ऊर्जावान नाश्ते को अपनाकर और साथ ही अन्य मित्रों को भी प्रेरित कर छोटे डेमो या शिविर आयोजित करवाने में रुचि रखकर निष्काम भाव से मानवता की सेवा करना चाहते हैं। तो अवश्य आगे आए और संपर्क करें। हम सभी का एक ही भाव है कि यह पृथ्वी कैसे सुंदर बन सके। आप सभी इस संबंध में मुझ से भी इस नम्बर पर- 9314825168 जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
प्रकाश माहेश्वरी (आगीवाल)