गाजियाबाद पुलिस ने आयोगों का अध्यक्ष बताकर वीआईपी प्रोटोकॉल लेने वाले ठग को मंगलवार रात को गिरफ्तार किया। आरोपी खुद को उत्तर प्रदेश मानवाधिकार न्याय आयोग और नीति आयोग उत्तर प्रदेश का अध्यक्ष बताकर अफसरों पर रौब झाड़ता था और उनसे सुरक्षा और एस्कॉर्ट लेता था। एडीसीपी क्राइम सच्चिदानंद ने बताया कि आठ नवंबर को डीएम कार्यालय में एक पत्र प्राप्त हुआ।
यह पत्र मानवाधिकार न्याय आयोग उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अनस मलिक के नाम से था। इसमें आयोग का कार्यालय लखनऊ के गोमतीनगर में दर्शाया गया था।एडीसीपी ने बताया कि अनस मलिक द्वारा भेजे गए भ्रमण कार्यक्रम और उसके साथ संलग्न किए गए दस्तावेजों की कविनगर पुलिस से जांच कराई गई तो पाया गया कि अनस मलिक नाम का कोई व्यक्ति मानवाधिकार न्याय आयोग और नीति आयोग उत्तर प्रदेश से जुड़ा हुआ नहीं है।
इसके बाद पुलिस ने आरोपी अनस मलिक और उसके साथियों के खिलाफ कविनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज की। क्राइम ब्रांच ने मंगलवार रात थाना छजलैट, जिला मुरादाबाद के गांव शाहपुर-मुबारकपुर कोकरपुर निवासी अनस मलिक को गिरफ्तार कर लिया।
स्टाफ को साथ लेकर चलता था आरोपी
अनस मलिक जिला प्रशासन को भेजे जाने वाले भ्रमण प्रोग्राम में अपने निजी सचिव, पीएसओ और स्टाफ कार चालक का मोबाइल नंबर और नाम लिखता था। इतना ही नहीं, वह उत्तर प्रदेश सरकार लिखी और हूटर लगी कार में अर्दली, निजी सचिव और पीएसओ को लेकर भी चलता था। अनस मलिक फर्जी लेटर पैड का इस्तेमाल करता था। वह एस्कॉर्ट और सुरक्षा का भौकाल दिखाकर और खुद को सरकार में उच्च पद पर आसीन बताकर लोगों से धोखाधड़ी के जरिए अनुचित लाभ कमाता था। पूछताछ में आरोपी ने माना कि वह अपने दोस्तों को ही अर्दली, पीएसओ और निजी सचिव बना लिया करता था।
कार और फर्जी दस्तावेज बरामद
आयोग के फर्जी अध्यक्ष के कब्जे से क्राइम ब्रांच ने एक कार बरामद की है। इस पर आरोपी ने अशोक की लाट छपा और नीति आयोग लिखा स्टीकर लगाया हुआ था। इसके अलावा कार पर हूटर और खिड़कियों पर सफेद पर्दे लगे हुए मिले। अनस के पास से फर्जी लेटर पैड, सफेद, लाल और नीले रंग का अर्दली लिखा पीतल का लोगो लगा साफा, पुलिस के दो एडमिट कार्ड, हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के अंक पत्र, आधार और पैन कार्ड बरामद बरामद हुए हैं। पुलिस के मुताबिक अनस दसवीं पास है। वह नौकरी लगवाने और सरकारी विभागों के काम कराने के नाम पर लोगों को ठगता था।
source Live Hindustan