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“सबसे पहले समय बदलता है और बदलते समय के साथ परिस्थितयां और इन्ही परिस्थितियों के साथ आदमी भी बदल जाता है।

जो भी हमारे आसपास,हमारे अंदर सबकुछ परिवर्तनशील है।

कभी- कभी समय की मांग होती है इंसान को न चाहते हुए भी बदलना पड़ता है।कभी खुशी से तो कभी मजबूरी में हम बदल ही जाते है।

हर पल इंसान बदल रहा है लेकिन इसकी गति इतनी धीमी होती है कि हम देख नही पाते लेकिन जब कोई बड़ा बदलाव होता है तो उस परिवर्तन को हम सब देख सकते है ,महसूस कर सकते है।

हम अपने अंदर के बदलाब को नही देख पाते ,लेकिन सामने वाले में हुआ कोई छोटा सा परिवर्तन आप आसानी से देख पाते हो और फिर शिकायतें भी हो जाती है आपको कि वो बदल गया।”

“वक्त के साथ आदमी बदल जाता है”। क्या आप भी बदल चुके हैं वक्त के साथ ?
समय के साथ बदलाव कितना जरूरी है?
क्या बदलते समय के अनुसार रीति रिवाज बदलने चाहिए?
वक्त किस तरह व्यक्ति को बदल देता है?
समय बदल रहा है या लोग?
क्या आप मानते हैं कि लोग समय के साथ बदल जाते हैं?
अंग्रेजी मे एक कहावत है, Change is always good, बदलाव हमेशा अच्छा होता है।

अब प्रश्न पर आते हैं, इस प्रश्न के दो पहलू हैं:

पहला पहलू यह है, कि आप चाहते हैं कि बदलाव हो, शारिरिक तौर पर, सामाजिक तौर पर या आर्थिक तौर पर।
दूसरा पहलू आपकी भावनाओं से जुड़ा है।मित्रता और प्रेम से सम्बन्धित है।
सामान्यत: आप पहले पहलू मे होने वाले बदलाव की सराहना करते हैं, करनी भी चाहिये। कौन नहीं चाहता दुनिया मे ऊपर उठना।

दिक्कत आती है, जब किसी का मनोभाव आपकी तरफ बदल जाता है, दिल के किसी कोने मे आपको लगता है कि ऐसा क्यों हुआ मेरे साथ। मेरी बात माने तो दो बात हो सकती है:

अब आप उसकी प्राथमिकता नहीं रहे हैं, और वह साथ नहीं रहना चाहता। कोई बात नहीं आप आगे बढ़िये।
आप उसकी प्राथमिकता मे नहीं हो, कुछ देर के लिए। लेकिन वह साथ है।

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