Spread the love

“साल 1757 में 19 अगस्त को ईस्ट इंडिया कंपनी ने कोलकात्ता के रुपए का पहला सिक्का बनाया था. जानें सिक्कों के इतिहास के बारे में. कैसे हुआ भारत में सिक्कों का अविष्कार.

ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बनाए गए पहले सिक्के को बंगाल के मुगल प्रांत में चलाया गया.

बंगाल के नवाब के साथ एक संधि के तहत ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 1757 में टकसाल बनाई थी.”

“टकसाल पुराने किले में ब्लैक होल के बराबर खड़ी इमारत में थी. जो वहां 1757 से 1791 तक रही.

साल 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद ही भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का साम्राज्य स्थापित हुआ. तब कंपनी को बिहार और बंगाल में कमाई करने के अधिकार दिए गए थे.

भारत में जब आया सिक्का

भारत में सिक्के का अविष्कार का देरी से हुआ. साल 1950 में पहला सिक्का ढाला गया था. भारत साल 1947 में आजाद हुआ लेकिन ब्रिटिश सिक्के साल 1950 तक देश में चलन में थे, उसी समय भारत में सिक्कों का प्रचलन हुआ.

1 रुपया 16 आना या 64 पैसे का मिलकर बनता था और 1 आना मतलब 4 पैसा होता था. 1957 में भारत डेसिमल सिस्टम के तहत सिक्के ढलने लगे, लेकिन कुछ समय तक डेसिमल और नॉन डेसिमल सिक्कों दोनो का ही देश में चलन था.”

“कुछ समय तक भारत में ‘आना’ सिस्टम चला जिसमें 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलते थे. ‘आना’ सीरीज या प्री-डेसिमल कॉइनेज के नाम से चर्चित इन सिक्कों में 1 आना, 2 आना, 1/2 आना के सिक्के चलन में थे.

रुपये की सबसे छोटी वैल्यू का सिक्का आधा पैसा को 1947 में आधिकारिक तौर पर बंद कर दिया गया. 1 पैसा, 2 पैसा, 3 पैसा, 5 पैसा, 10 पैसा, 20 पैसा और 25 पैसा, 50 पैसा के सिक्के जारी किए जो देश में लंबे समय तक चलन में रहे.

1 पैसे का सिक्का 1957-1972 के बीच चलन में थे और ढाले गए. इन पर 2011 में बैन लगा दिया गया.

1964-1972 के बीच 3 पैसे के सिक्के ढाले गए और साल 2011 में इन्हें बंद कर दिया गया.

1957-1994 के बीच 5 पैसे के सिक्के ढाले गए और2011 में इन्हें चलने से बैन कर दिया गया.”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed