ईश्वर का न्याय
अगर आप ग़लत नहीं हो, आपने कोई ग़लत काम नहीं किया है, तो खुद पर चिढ़ो नहीं।
रोना नहीं।
नां ही बदलें की सोचना ।
बस, शांति से बैठे रहो,
और
समय की राह देखो।
जो-जो व्यक्ति आपके साथ
जैसा-जैसा कर रहा है, उसे
उसकी बराबर सज़ा मिलेगी।
वह भी सूद समेत
बस भगवान और कर्म पर विश्वास रखो।
इसे ही "कर्म" का फल कहते हैं।
वृहस्पति स्तोत्र
*पीताम्बर:पीतवपु:किरीटी,*
*चतुर्भुजो देवगुरु: प्रशान्त: ।*
*दधाति दण्डं च कमण्डलुं च,*
*तथाक्षसूत्रं वरदोsस्तु मह्यम ।।*
*नम: सुरेन्द्रवन्द्याय*
*देवाचार्याय ते नम: ।*
*नमस्त्वनन्तसामर्थ्यं*
*देवासिद्धान्तपारग ।।*
*■■■■★■■■■*
*सदानन्द नमस्तेस्तु*
*नम: पीडाहराय च ।*
*नमो वाचस्पते तुभ्यं*
*नमस्ते पीतवाससे ।।*
*नमोsद्वितीयरूपाय*
*लम्बकूर्चाय ते नम: ।*
*नम: प्रह्रष्टनेत्राय*
*विप्राणां पतये नम: ।।*
नमो भार्गवशिष्याय
विपन्नहितकारक: ।
नमस्ते सुरसैन्याय
विपन्नत्राणहेतवे ।।
आपकी बाहरी खूबसूरती आँखों को आकर्षित करती है, आपकी आंतरिक खूबसूरती दिल को आकर्षित करती है।
आज से हम अपने मन को और दिल को खूबसूरत बनाएँ…
Your outer beauty captures the eyes, your inner beauty will capture the heart!