आज का भगवद् चिंतन
इसलिए महान हैं श्रीकृष्ण
भगवान श्रीकृष्ण सिंहासन पर बैठकर महान नहीं बने अपितु उनकी महानता ने ही उन्हें राज सिंहासन के साथ-साथ जन-जन के हृदय सिंहासन पर भी विराजमान कर दिया।
सिंहासन पर बैठना जीवन की उपलब्धि हो अथवा नहीं मगर किसी के हृदय में बैठना जीवन की वास्तविक उपलब्धि अवश्य है।स्वभाव में ही किसी व्यक्ति का प्रभाव झलकता है।
राज सिंहासन पर बैठ सको न बैठ सको मगर किसी के हृदय सिंहासन पर बैठ सको तो समझना चाहिए कि आपका जीवन सार्थक हो गया है और यही तो विराट और उदार व्यक्तित्व का भी लक्षण है।
किसी सिंहासन पर बैठकर व्यक्तित्व महान नहीं बनता अपितु महान व्यक्तित्व एक दिन भगवान श्रीकृष्ण की तरह जन-जन के हृदय सिंहासन पर अवश्य बैठ जाता है।
जय श्री राधे कृष्ण