हिंगलाज माता मंदिर, पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में स्थित एक प्राचीन हिंदू मंदिर है जो देवी सती को समर्पित है। यह 51 शक्तिपीठों में से एक है, जहां देवी सती का ब्रह्मरंध्र (सिर) गिरने की मान्यता है। इस मंदिर को हिंगलाज देवी, हिंगुला देवी और नानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।
हिंगलाज माता का इतिहास:
पौराणिक कथा:

पौराणिक कथा के अनुसार, सती के दाह संस्कार के बाद, जब भगवान शिव उनके शरीर को लेकर तांडव कर रहे थे, तब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के शरीर को 108 टुकड़ों में विभाजित कर दिया था।
शक्तिपीठ:
माता सती के शरीर के विभिन्न अंग जहां गिरे, वहां शक्तिपीठ स्थापित हुए। माना जाता है कि हिंगलाज में माता सती का ब्रह्मरंध्र गिरा था, इसलिए यह शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है।
मंदिर की स्थापना:
हिंगलाज मंदिर में देवी सती के ब्रह्मरंध्र के गिरने के बाद, एक मंदिर स्थापित किया गया, जो आज हिंगलाज माता मंदिर के रूप में जाना जाता है।
धार्मिक मान्यता:
हिंगलाज माता को एक शक्तिशाली देवी माना जाता है, जो अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण करती है।
महत्व:
यह मंदिर पाकिस्तान में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों के लिए महत्वपूर्ण है।
अन्य नाम:
हिंगलाज माता को नानी पीर, हिंगलाज भवानी और हिंगुला देवी के नाम से भी जाना जाता है।
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