बाल हनुमान ने सुबह उगते हुए लाल सूर्य को एक स्वादिष्ट लाल फल समझकर निगल लिया था. इस घटना से तीनों लोक अंधकारमय हो गए थे, जिसके कारण देवराज इंद्र ने उन पर वज्र से प्रहार किया. हनुमान के गिरे और अचेत होने के बाद, ब्रह्माजी और अन्य देवताओं ने उन्हें वरदान देकर चेतना दिलाई और उन्हें अमरत्व प्रदान किया, जिसके बाद ही हनुमान को अपना खोया हुआ बल याद आया.
घटना का विवरण:
बाल अवस्था:
जब हनुमान बहुत छोटे थे और बाल रूप में थे, तो एक दिन उन्होंने आकाश में उगते हुए सूर्य को देखा.
फल समझकर निगलना:
उन्होंने उसे एक बड़ा, स्वादिष्ट लाल फल समझ लिया और अपनी तेज गति से उड़ते हुए उसे निगल लिया.
तीन लोक में अंधकार:
सूर्य के निगलने के कारण पूरे ब्रह्मांड में अंधकार छा गया, जिससे सभी प्राणी त्रस्त हो गए.
देवताओं का हस्तक्षेप:
देवताओं ने इंद्र से प्रार्थना की, और इंद्र ने हनुमान पर वज्र से प्रहार किया. इस प्रहार से हनुमान की ठोड़ी (हनु) टेढ़ी हो गई, और वह नीचे गिर गए.
बचाव और वरदान:
पवनपुत्र वायुदेव ने उन्हें बचाया, और ब्रह्माजी ने उन्हें पूर्ण स्वस्थ कर अमरत्व का वरदान दिया. इंद्र के प्रहार से उन्हें चोट लगने के कारण उनका नाम हनुमान पड़ा.
प्रतीकात्मक व्याख्या:
यह घटना प्रतीकात्मक है कि किस प्रकार बाल हनुमान ने देवों को अपने प्रभाव से हिला दिया था. इस कथा से यह भी पता चलता है कि ब्रह्माजी ने उन्हें अष्ट सिद्धि का वरदान दिया था, जिससे वे अपना शरीर विशाल कर सकते थे.
राहु की भूमिका (कुछ संस्करणों में):
कुछ कथाओं में सूर्य ग्रहण के समय यह घटना घटित हुई थी. उस समय राहु सूर्य को निगल रहा था, और हनुमान ने राहु को एक बहुत बड़ा जीव समझकर उस पर प्रहार करने के लिए बढ़े थे. राहु ने डरकर इंद्र से मदद मांगी, और इंद्र ने हनुमान पर वज्र प्रहार किया.
हनुमान जी से माफ़ी माँगने से व्यक्ति को मुक्ति या क्षमा मिल सकती है,
खासकर जब सच्ची भक्ति और पश्चाताप के साथ श्री राम नाम का जाप, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ किया जाए और भविष्य में सुधार करने का संकल्प लिया जाए. हनुमान जी अपने भक्तों के संकट हरने वाले और कृपालु हैं, और सच्ची प्रार्थनाओं से वे भक्तों को आशीर्वाद देते हैं.
माफ़ी माँगने के तरीके
सच्चे मन से आराधना: हनुमान जी से माफ़ी माँगने के लिए सच्चे मन से उनकी आराधना करें और उन्हें अपनी भूल के लिए क्षमा मांगने का संकल्प लें.
भजन/पाठ करें: हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, या श्री राम नाम का जाप करें. इससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं.
संकल्प लें: अपनी भूल को सुधारने और भविष्य में ऐसा न करने का संकल्प करें.
सिंदूर अर्पित करें: पूजा में हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना शुभ माना जाता है, यह माफ़ी मांगने के तरीके के रूप में किया जा सकता है.
भगवान को सब कुछ अर्पित करें: अपनी सभी गलतियों और कर्मों को भगवान के चरणों में समर्पित कर दें और उसे जाने दें.
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