आज का विचार
. १०.०५.२०२५
प्रभु की माया कितनी विचित्र है…
हम बड़े हुए तो बचपन भूल गए,विवाह किया तो माता पिता को भूल गए,संतान हुई तो भाई बहिन को भूल गए और यदि अमीर हो गए,तो गरीब को भूल गए…
फिर ईश्वर ऐसा चक्र चलाता है कि जब वृद्ध होते हैं तो सब कुछ भूला हुआ याद आता है..
लेकिन तबतक हम जीवन में,अहंकार से चूर,तेज़ रफ्तार,इतनी दूर निकल आते हैं कि सभी यादें केवल चलचित्र बन कर रह जातीं हैं और इन्हीं बंधनों को पूरा करने के लिए, हमें फिरसे इसी संसार में आना पड़ता…
यदि हम ऐसा जीवन जी पाएं कि जो भी हमारे जीवन पथ पर मिला हो,उससे सेवा और त्याग का ही रिश्ता रहे,तो कदाचित जन्म के उद्देश्य को पा लें…
आज अपने जीवन में यदि आप कुछ भूल भी जाए , तो प्रभु को कभी न भूलने की गलती मत करिए…
. निर्णय आपका
. स्वयं विचार करें
Leave a Reply