निधिवन// निधिवन, वृंदावन का वह पवित्र स्थान है, जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की अनंत लीलाओं का साक्षी माना जाता है। यह स्थान जितना पवित्र है, उतना ही रहस्यमय और चमत्कारों से भरा हुआ। इसके कण-कण में कुछ ना कुछ ऐसा छिपा है,कहा जाता है कि प्रत्येक रात निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी अपनी गोपियों के साथ दिव्य रास रचाते हैं

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निधिवन
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निधिवन, वृंदावन का वह पवित्र स्थान है, जो भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की अनंत लीलाओं का साक्षी माना जाता है। यह स्थान जितना पवित्र है, उतना ही रहस्यमय और चमत्कारों से भरा हुआ। इसके कण-कण में कुछ ना कुछ ऐसा छिपा है, जो भक्तों की आस्था को और गहरा करता है और तर्कशील मन को अचंभित कर देता है। निधिवन के रहस्य केवल कहानियों तक सीमित नहीं हैं, वरन् इन्हें अनुभव करने के लिए यहाँ का वातावरण ही पर्याप्त है।
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कहा जाता है कि प्रत्येक रात निधिवन में भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी अपनी गोपियों के साथ दिव्य रास रचाते हैं। यह कोई साधारण नृत्य नहीं, बल्कि एक अलौकिक घटना है, जिसे किसी भी मानव की आँखें नहीं देख सकतीं। स्थानीय लोगों का मानना है कि जो भी इस रास लीला को देखने का प्रयास करता है, वह या तो अपनी सुध-बुध खो बैठता है या उसकी मृत्यु हो जाती है। इसी कारण से, सूर्यास्त के बाद निधिवन का क्षेत्र पूरी तरह खाली कर दिया जाता है। वहाँ जाने की हिम्मत शायद ही कोई कर पाता हो।
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निधिवन की सबसे अनोखी विशेषता यहाँ के तुलसी के पौधे हैं। साधारण तुलसी के पौधों से अलग, यहाँ के पौधों की आकृति मनुष्यों की तरह होती है। ऐसा कहा जाता है कि ये तुलसी के पौधे कोई और नहीं, बल्कि गोपियाँ हैं, जो रात होते ही जीवंत हो जाती हैं और रास लीला में भाग लेती हैं। जब सुबह होती है, तो ये फिर से पौधों का रूप ले लेती हैं। चाहे कितनी भी गर्मी हो, इन पौधों के नीचे की भूमि सदैव नमी से भरी रहती है। यह रहस्य लोगों को सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या सच में यहाँ कुछ चमत्कार होता है।
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निधिवन के भीतर एक छोटा सा कक्ष भी है, जिसे श्री बांके बिहारी जी का शयन कक्ष कहा जाता है। इस कक्ष में हर रात एक पलंग, जल से भरा लोटा, दातून और कुछ मिठाइयाँ रखी जाती हैं। भक्तों का विश्वास है कि भगवान श्रीकृष्ण रात में यहाँ विश्राम करते हैं। सुबह जब यह कक्ष खोला जाता है, तो पलंग अस्त-व्यस्त मिलता है, लोटे का पानी कम हो जाता है, और मिठाइयों में से कुछ खाई हुई लगती हैं। इसे देखने के बाद लोगों की श्रद्धा और प्रगाढ़ हो जाती है। यह घटना ऐसी है जिसे समझाने के लिए न तो कोई तर्क है और न ही कोई वैज्ञानिक प्रमाण।
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इस स्थान का एक और चौंकाने वाला पहलू यह है कि सूर्यास्त के बाद यहाँ कोई पक्षी या जानवर नहीं रुकता। दिन के समय यह स्थान चहचहाते पक्षियों और गुनगुनाते पेड़ों से भरा रहता है, लेकिन शाम होते ही सब शान्त हो जाता है। ऐसा लगता है मानो इस स्थान का वातावरण ही बदल जाता है। स्थानीय लोग इसे दिव्य लीला का प्रभाव मानते हैं, जबकि वैज्ञानिक इसे एक अनसुलझी पहेली।
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जो लोग निधिवन के पास रहते हैं, वे बताते हैं कि रात के समय कभी-कभी बाँसुरी की मधुर ध्वनि सुनाई देती है। यह ध्वनि ऐसी होती है, जो दिल को शान्ति देती है और आत्मा को छू जाती है। लेकिन इसे सुनने की हिम्मत भी कम ही लोग करते हैं, क्योंकि कहा जाता है कि इसे सुनने वाला व्यक्ति दिव्य अनुभूति से इतना अभिभूत हो जाता है कि वह सामान्य जीवन जीने में असमर्थ हो जाता है।
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निधिवन का कण-कण रहस्यों से भरा है। यह स्थान सिर्फ भक्तों के लिए नहीं, बल्कि जिज्ञासु लोगों के लिए भी आकर्षण का केंद्र है। यहाँ की दिव्यता और चमत्कारों को शब्दों में पूरी तरह व्यक्त करना असंभव है। ऐसा लगता है कि इस स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की उपस्थिति आज भी महसूस की जा सकती है। यह रहस्य, यह आस्था और यह अद्भुत अनुभव ही निधिवन को एक अनोखा स्थान बनाते हैं, जो प्राणीमात्र को अपनी ओर आकर्षित करता है।
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यदि वृंदावन जाने का सौभाग्य कभी प्राप्त हो, तो निधिवन के इस अलौकिक अनुभव का हिस्सा अवश्य बनना चाहिए, परंतु निधिवन की मर्यादाओं का पालन करना नहीं भूलना चाहिए। यह स्थान मात्र देखने भर के लिए नहीं, अपितु यहाँ की दिव्यता और पवित्रता का अनुभव करने के लिए है।
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🙏🙏 जय श्री राधेश्याम जी 🙏🙏

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