हस्ती त्वंकुशमात्रेण बाजो हस्तेन तापते।
शृङ्गीलकुटहस्तेन खड्गहस्तेन दुर्जनः॥
भावार्थ.il :– हाथी को अंकुश से, घोड़े को हाथ से, सींगोंवाले पशुओं को हाथ या लकड़ी से तथा दुष्ट को खड्ग हाथ में लेकर पीटा जाता है ।
नात्यन्तं सरलेन भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम्।
छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः॥
भावार्थ.il : – अधिक सीधा नहीं होना चाहिए । जंगल में जाकर देखने से पता लगता है कि सीधे वृक्ष काट लिया जाते हैं, जबकि टेढ़ा-मेढ़ा पेड़ छोड़ दिए जाते हैं ।
🙏नव भोर वन्दनम् 🙏
आपका दिन शुभ और मंगलमयपूर्ण हो
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