द्रोपदी और सीता की तुलना,द्रौपदी यदि मौन रहती तो महाभारत नहीं होता और सीता यदि बोलती तो रामायण नहीं होती,

|द्रोपदी और सीता की तुलना उज्जैन से-सन्त जन कहते हैं क़ि महाभारत की द्रोपदी और रामायण की सीता,दोनों आर्य नारियों ने बहुत सहन किया l फर्क यह है कि एक…

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ऐसे थे महान संत “तुकाराम” भक्ति आंदोलन’ के एक प्रमुख स्तंभ थे। उन्हें ‘तुकोबा’ भी कहा जाता है।

" महान संत तुकाराम का जन्म 17वीं सदी में पुणे के देहू कस्बे में हुआ था। उनके पिता छोटे-से काराबोरी थे। उन्होंने महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन की नींव डाली। वे…

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ଜଣେ ନିଜ ଗନ୍ତବ୍ୟ ସ୍ଥଳରେ କେବେହେଲେ ପହଞ୍ଚି ପାରିବ ନାହିଁ, ଯଦି ସେ ବାରମ୍ବାର ଅଟକି ଭୁକୁଥିବା କୁକୁରଙ୍କ ଉପରେ ପଥର ପକାଇବା ଆରମ୍ବ କରିବ….

ଗଛ ଲଗାଇବା ପ୍ରୟୋଜନ ନାହିଁ, କେବଳ ଗଛ କାଟିବା ବନ୍ଦ କରିଦିଅନ୍ତୁ, ଗଛ ନିଜେ ନିଜେ ଭରିଦେବ…. ନଦୀ ପରିଷ୍କାର କରିବା ଦରକାର ନାହିଁ, କେବଳ ଆବର୍ଜନା ପକାନ୍ତୁ ନାହିଁ, ନଦୀ ମନକୁ ମନ ପରିଷ୍କାର ହୋଇଯିବ…. ଶାନ୍ତି ରଖିବା ଆବଶ୍ୟକ…

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अजामिल और पाप एक दूसरे के समानार्थी शब्द बन चुके हैं यद्यपि अजामिल बाद में सर्वश्रेष्ठ गति को भी प्राप्त हुआ था। अजामिल की कथा आज के युवाओं को जरूर जानना चाहिए. Ravindra yadav

"अजामिल और पाप एक दूसरे के समानार्थी शब्द बन चुके हैं यद्यपि अजामिल बाद में सर्वश्रेष्ठ गति को भी प्राप्त हुआ था। अजामिल की कथा आज के युवाओं को जरूर…

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Find this. What is the Difference between muni. Rishi. And yogi.

"Sanyasi is the one who renounced the world. He has no attachments and no emotions what so ever. It is immaterial for him whether his own family member (say wife…

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Why is gold more expensive than water that we can live without?

"Why is gold more expensive than water that we can live without?As a first observation, gold is rarer than water; most of the time, the price of a material depends…

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ଆଜି ମହାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସୁନାବେଶ: ରଥରେ ଶ୍ରୀଜିଉଙ୍କ ସୁନାବେଶ ଦର୍ଶନ ପାଇଁ ଆସୁଥିବା ଭକ୍ତଙ୍କ ପାଇଁ ସ୍ୱତନ୍ତ୍ର ଟ୍ରାଫିକ୍ ବ୍ୟବସ୍ଥା

ଆଜି ମହାପ୍ରଭୁଙ୍କ ସୁନାବେଶ: ରଥରେ ଶ୍ରୀଜିଉଙ୍କ ସୁନାବେଶ ଦର୍ଶନ ପାଇଁ ଆସୁଥିବା ଭକ୍ତଙ୍କ ପାଇଁ ସ୍ୱତନ୍ତ୍ର ଟ୍ରାଫିକ୍ ବ୍ୟବସ୍ଥା । ଆଜି ମହାପ୍ରଭୁ ଙ୍କର ସୁନାବେଶ । ମହଣ ମହଣ ସୁନାରେ ସଜେଇ ହେବେ ଶ୍ରୀଜୀଉ । ରଥରେ ଚତୁର୍ଦ୍ଧା ବିଗ୍ରହଙ୍କ…

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हम केवल अपने लिए जीकर मानव नहीं कहला सकते हैं।मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और सामाजिक प्राणी होना अर्थात् अपने एवं अपनों के साथ-साथ समाज के लिए भी कुछ करना।समाज में हमारे बहुत सारे अधिकार हैं।sj.Vijaya sukla

आज का भगवद् चिन्तन सामाजिक भी बनें हम केवल अपने लिए जीकर मानव नहीं कहला सकते हैं।मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और सामाजिक प्राणी होना अर्थात् अपने एवं अपनों के…

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ଶକୁନି ବାପାଙ୍କ ଅସ୍ଥିରେ ପଶାକାଠି ତିଆରି କରି କୌଶଳକ୍ରମେ ପଶା ଖେଳ ଅନୁଷ୍ଠିତ କରାଇଲେ କୌରବ ଅଗ୍ରଜ ଦୁର୍ଯ୍ୟୋଧନ ଓ ପାଣ୍ଡବ ଅଗ୍ରଜ ଯୁଦ୍ଧିଷ୍ଠିର ଙ୍କ ମଧ୍ଯରେ.. ପରେ କଣ ହେଲା ଜାଣନ୍ତୁ. ପାରଦ କୁମାର ପାଢ଼ୀ. ହିଞ୍ଜିଳି ଗଞ୍ଜାମ

ଅଣୁ ଚିନ୍ତନ। ----- ଶକୁନି । ସାଧାରଣ ଭାବେ କହିବାକୁ ଗଲେ ଶକୁନି ଥିଲେ ସେ ସମୟର ଏକ କ୍ଷୃଦ୍ର ରାଜ୍ଯ ଗାନ୍ଧାର ର ରାଜ କୁମାର । ତାଙ୍କର ଅନ୍ଯ ପରିଚୟ ହେଲା ସେ ଗାନ୍ଧାର ରାଜ୍ଯ ର ରାଜା…

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एक समय ये भी था जब प्रत्येक कार्य से पूर्व अपने बड़ों की सलाह ली जाती थी लेकिन अब समय बहुत बदल चुका है।”बडों का सम्मान करें”sj vijaya sukla

आज का भगवद् चिन्तन बडों का सम्मान करें आज की युवा पीढ़ी को पसंद नहीं कि कोई उन्हें किसी बात के लिए रोक-टोक करे अथवा कोई उन्हें ये करो,ये मत…

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