कुछ लोग हमारे रिश्तेदार नहीं होते पर रिश्तों से भी विशेष होते हैं । इसे चाहे मित्रता कह लें या फिर ईश्वर की कृपा:
केचन जनाः अस्माकं सम्बन्धिनः न भवन्ति। परन्तु सम्बन्धेभ्यः अपि विशिष्टाः वर्तन्ते। एतत् कामं मैत्रीं कथयतु ईशकृपा वा।* कुछ लोग हमारे रिश्तेदार नहीं होते पर रिश्तों से भी विशेष होते हैं…