ମୁଁ ଫୁଲକୁ ମାଗିନି ତା ମହକବାସ ଜୀବନେ ମୋ ଭରିବାକୁ ମୁଁ କୋଇଲିକୁ ମାଗିନାହିଁ ମିଠାସୁର ପ୍ରିୟ ମନ ତୋଷିବାକୁ ମୁଁ ଅବୁଝା ନଈରସୁଅ ନିଜକୁ ବୁଝାଇ ପାରିନି ବୋଲିତ ପିଇଯାଏ ନିଜ ଲୁହ-@ଆନନ୍ଦ ଚନ୍ଦ୍ର ସାହୁ

ମୁଁ ଜୀବନେ ମାଗିନି….. ମୁଁ ଫୁଲେଇ ଫଗୁଣେ ଫୁଲଟେ ମାଗିନିମଳୟର ମଧୁମାସେମୁଁ ଜହ୍ନକୁ ମାଗିନି ଜୋଛନା ଆଞ୍ଜୁଳେଶରତରେ ଯେବେ ହସେମୁଁ ଏମିତି ଶୁଖିଲା ନଈଶ୍ରାବଣରେ ଟିକେ କାନ୍ଦିବା ପାଇଁ ଲୁହ ଟୋପେ ପାଏ ନାହିଁ ।1। ମୁଁ ମାଟିକୁ ମାଗିନି ତା…

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ପଖାଳ ଦିବସ//ପଖାଳ…ଓଡ଼ିଆଙ୍କ ଆବେଗ…ସକାଳ ହେଉ କି ସଞ୍ଜ । ଗଣ୍ଡେ ପଖାଳ ପେଟରେ ପଡ଼ିଲେ ଦେହ ମୁଣ୍ଡ ପୂରା ଶାନ୍ତି । ଓଡ଼ିଆଙ୍କ ପାଖରେ ଯେତେ ମଟନ୍‌, ଚିକେନ୍‌ ଓ ମାଛ ଥାଉ । ପଖାଳ କଂସା ସାମ୍ନାରେ ଏସବୁ ଫିକା । ଆଳୁ ଚକଟାକୁ ବାଇଗଣ ଭର୍ତ୍ତା, ପୁଣି ଶାଗକୁ ଟିକେ ପାଗ,ପୂରା ଜମିବ ଖାଇବା,ପେଟ ମୁଣ୍ଡ ପୂରା ଶାନ୍ତି

🥀ପଖାଳ ଦିବସର ଶୁଭେଚ୍ଛା🥀 କଂସେ ପଖାଳ, ଢୋକେ ତୋରାଣି : ପେଟ ମୁଣ୍ଡ ପୂରା ଶାନ୍ତି। ପଖାଳ…ଓଡ଼ିଆଙ୍କ ଆବେଗ…ସକାଳ ହେଉ କି ସଞ୍ଜ । ଗଣ୍ଡେ ପଖାଳ ପେଟରେ ପଡ଼ିଲେ ଦେହ ମୁଣ୍ଡ ପୂରା ଶାନ୍ତି । ଓଡ଼ିଆଙ୍କ ପାଖରେ ଯେତେ…

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जुआ//जुआ खेलने से जीवन के हर क्षेत्र में नुकसान होता है,इसका इतिहास लगभग 5 हजार साल पुराना है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि उस दौर में भी लोग जुआ खेलते थे।जुआ खेलने का नुकसान देवताओं को भी झेलना पड़ा

हार-जीत की शर्त लगाकर ताश, चौपड़, शतरंज या कोई भी दूसरा खेल खेलना, जानवरों को आपस में लड़ाना सब जुआ कहलाता है। ऋग्वेद भारत का प्राचीनतम ग्रंथ माना जाता है।…

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स्मरणशक्ति बढ़ाने हेतु//तुलसी के पत्तों का 5 से 20 मि.ली. रस पीने से स्मरणशक्ति बढ़ती है ।पढ़ने के बाद भी याद न रहता हो सुबह एवं रात्रि को दो तीन महीने तक 1 से 2 ग्राम ब्राह्मी तथा शंखपुष्पी लेने से लाभ होता है ।

स्मरणशक्ति बढ़ाने हेतु पहला प्रयोगः तुलसी के पत्तों का 5 से 20 मि.ली. रस पीने से स्मरणशक्ति बढ़ती है । दूसरा प्रयोगः पढ़ने के बाद भी याद न रहता हो…

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फ्रांसीसी क्रांति//फ्रांस में हुए राजनीतिक और सामाजिक बदलावों को दर्शाने वाला “फ्रांसीसी क्रांति बन गया.जेल पर लोगों ने हमला कर दिया, जो क्रांति की शुरुआत का प्रतीक बन गया.फ्रांसीसी क्रांति ने यूरोप और दुनिया भर में राजनीतिक और सामाजिक विचारों को प्रभावित किया और आधुनिक राष्ट्रवाद के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई

फ्रांस में हुए राजनीतिक और सामाजिक बदलावों को दर्शाने वाला "फ्रांसीसी क्रांति" (French Revolution) एक महत्वपूर्ण घटना थी, जो 1789 में शुरू हुई और 1799 में नेपोलियन बोनापार्ट के सत्ता…

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ତୁଷାରକାନ୍ତ ର ମୁଣି //୨୦୨୦ ମସିହା ଫେବୃୟାରୀ ମାସରେ ମହାମହିମ ମାଜିଷ୍ଟ୍ରେଟମହାଶୟ “ସେମାନଙ୍କୁ ଦୋଷୀ ସାବ୍ୟସ୍ତ କରି ପ୍ରତ୍ୟେକଙ୍କୁ ଦୁଇବର୍ଷର ଜେଲଦଣ୍ଡ ” ଶୁଣାଇଥିଲେ।ଏହା ଭିତରେ ସେହି ମହାଶୟ” କଂଗ୍ରେସ-ଶିବସେନା-ଏନସିପି” ଡେଇଁ ଡେଇଁ ଏବେ ବିଜେପି ତରଫରୁ ମହାରାଷ୍ଟ୍ରର କୃଷିମନ୍ତ୍ରୀ।ଜରୁରୀକାଳୀନ ପରିସ୍ଥିତିରେ ଏମାନଙ୍କ ଉଦ୍ଦେଶ୍ୟରେ ଶ୍ରୀ ଲାଲକୃଷ୍ଣ ଆଡଭାନୀ କହିଥିଲେ ” ରାଜନେତାଏ ଆଣ୍ଠାଅ କହିଲେ ବାବୁମାନେ ଗୁଋଣ୍ଡୁଛନ୍ତି”, ଯାହା ଏବେ ଶତକଡା ଶହେ ହୋଇଯାଇଛି – ତୁଷାରକାନ୍ତ ଶତପଥି ଭୁବନେଶ୍ୱର

(କିଛି ସମୟ ବିନାଯୋଗକରି,"ବାବୁଚନ୍ତ୍ର ଓ ନ୍ୟାୟତନ୍ତ୍ର ଉପରେ ଆଧାରିତ" ଏହି ଟିକିଏ ଦୀର୍ଘ ଲେଖାଟିକୁ ପଢ଼ିବାକୁଅନୁରୋଧ ମହାଶୟା/ମହାଶୟ, ନମସ୍କାର୍।) ତା୧୬.୦୩.୨୦୨୫ରିଖରତୁଷାରକାନ୍ତର ମୁଣିନିଅନ୍ତୁ ସେଥିରୁ ଛାଣି -- "ନ୍ୟାୟ ଆଖିରେ ସମସ୍ତେ ସମାନକିନ୍ତୁ କିଛି ଅଧିକ ସମାନ"( ଜର୍ଜ ଅରୱଲ-George Orwel)…… ⚖️…..…

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दुष्यंत चंद्रवंशी राजा थे। वहीं, शकुंतला ऋषि विश्वामित्र और स्वर्ग की अप्सरा मेनका की पुत्री थीं। मगर ऋषि के श्राप की वजह से उन्हें वियोग झेलना पड़ा। जब शकुंतला को राजा दुष्यंत की खबर मिली तो दौड़कर वहां चली आई।शकुंतला ने एक तेजस्वी बालक को जन्म दिया, जिसका नाम भरत रखा गया,हमारे देश का नाम “भारत” इसी सम्राट भरत के नाम पर पड़ा था।

दुष्यंत चंद्रवंशी राजा थे। वहीं, शकुंतला ऋषि विश्वामित्र और स्वर्ग की अप्सरा मेनका की पुत्री थीं। मगर ऋषि के श्राप की वजह से उन्हें वियोग झेलना पड़ा। पढ़ें राजा दुष्यंत…

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आगे बढ़ने वाला व्यक्ति कभी ” किसी को बाधा नहीं पहुंचाता ” और ” ” दूसरों को बाधा पहुंचाने वाला ” व्यक्ति कभी आगे नहीं बढ़ता । ” कोई अगर आपके अच्छे कार्य पर संदेह करता है… तो करने देना क्योंकि शक सदा सोने की शुद्धता पर किया जाता है – Sri Shyam Patra

आगे बढ़ने वाला व्यक्ति कभी " किसी को बाधा नहीं पहुंचाता " और " " दूसरों को बाधा पहुंचाने वाला " व्यक्ति कभी आगे नहीं बढ़ता । " कोई अगर…

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Chanakya Niti//After doing a mistake in life a person left three ways and face biggest challenges..have a learn from it

Chanakya Niti: According to Chanakya Niti, everyone makes mistakes in life, but what truly matters is how one reacts after committing a mistake.Acharya Chanakya emphasized that after making a mistake,…

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ଦୁନିଆକୁ ଦେଖିଲେ ତ କେମିତି ଲାଗୁଛି,କିଏ ଏଇଠି ହସୁଛି ତ କିଏ କାନ୍ଦୁଛି।କିଏ ଜନମ ନେଉଛି କେ’ ଆଖି ମୁଜୁଛି,କିଏ ବେଗେ ଦଉଡ଼ୁଛି କିଏ ଧକାଉଛି – ଡ଼ ବିନୟ କୃଷ୍ଣ ପଟ୍ଟନାୟକ, ପୁଣେ

ଯେ ଏମିତି ଜିଏଁ … … ଦୁନିଆକୁ ଦେଖିଲେ ତ କେମିତି ଲାଗୁଛି,କିଏ ଏଇଠି ହସୁଛି ତ କିଏ କାନ୍ଦୁଛି।କିଏ ଜନମ ନେଉଛି କେ' ଆଖି ମୁଜୁଛି,କିଏ ବେଗେ ଦଉଡ଼ୁଛି କିଏ ଧକାଉଛି। ମନ ଭରମି ଯାଉଛି, ଡରିକି ଥରୁଛି,ସାମନା ନ…

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