Spread the love

किराये के कमरे से सीनियर एडवोकेट का सफर
वकालत की पढ़ाई के बाद विश्वनाथन ने साल 1988 में बार काउंसिल ऑफ तमिलनाडु में एनरोलमेंट कराया और प्रैक्टिस शुरू कर दी. थोड़े दिनों बाद दिल्ली आ गए. यहां साउथ दिल्ली के आरके पुरम में एक दोस्त के साथ किराए का कमरा लिया, जिसका रेंट ₹200 था. एक इंटरव्यू में जस्टिस विश्वनाथन कहते हैं कि मेरा कमरा मुरूगन टेंपल के करीब था और महालिंगम मेस में खाना खाता था. बाद में वहां से मोहम्मद पुर गांव शिफ्ट हो गया और तीन लोगों के साथ रहने लगा.

दिल्ली आने के बाद विश्वनाथन ने एडवोकेट सी.एस. वैद्यनाथन का चेंबर ज्वाइन कर लिया, जो देश के पूर्व एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी रह चुके हैं. 1990 तक उनके साथ दिल्ली हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट और तमाम ट्रिब्यूनल में काम किया. फिर नवंबर 1990 में सीनियर एडवोकेट और पूर्व अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल के साथ काम करने लगे. केवी विश्वनाथन को 28 अप्रैल 2009 को सीनियर एडवोकेट नियुक्त किया गया.  इसके बाद साल 2013 में एडिशनल सॉलिसिटर जनरल बने और मई 2014 तक इस पद पर रहे. जस्टिस विश्वनाथन नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी और सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमिटी के मेंबर भी रह चुके हैं.

News 18 network

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *