जिद ,गुस्सा, गलती, लालच और अपमान खर्राटों की तरह होते हैं ,
” क्योंकि “
कोई दूसरा करें तो चुभते हैं परंतु स्वयं करें तो एहसास तक नहीं होता…!!!
बीतता तो वक्त है लेकिन खर्च हम हो जाते हैं कैसे नादान हैं हम ,
” क्योंकि “_
दुख आता है तो अटक जाते हैं , और सुख आता है तो भटक जाते हैं…!!!
सभी शब्दों का अर्थ मिल सकता है ,
” परन्तु “_
जीवन का अर्थ जीवन जीकर और संबंध का अर्थ संबंध निभाकर ही मिल सकता है…!