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एक चिंतन…….

कभी-कभी धागे बड़े कमजोर चुन लेते हैं हम ,
” और ”
*फिर पूरी उम्र गांठ बांधने में ही निकल जाती है….!!!

अब तो खुशी भी मिलती है तो भी डर सा लगता है ,
” क्योंकि “_
*पता नहीं इस खुशी की कौन सी कीमत चुकानी पड़ेगी….!!!*

*जिंदगी परिवर्तनों से ही बनी है किसी भी परिवर्तन से घबराए नहीं बल्कि उसे स्वीकार करें ,
” क्योंकि ”
कुछ परिवर्तन आपको सफलता दिलाएंगे, तो कुछ सफल होने के गुण सिखाएंगे….!!!

दुष्ट से कही गई बात,
योग्य व्यक्ति को दिया गया दान, तथा
बुद्धिमान को दिया ज्ञान,
थोड़ा सा होने पर भी

खुश होना है तो
तारीफ सुनिए
बेहतर होना है तो
निंदा
लोग आपसे नहीं
आपकी स्थिति से
हाथ मिलाते हैं
यही जीवन का कड़ुवा सत्य है
सब दुःख दूर होने के बाद
मन प्रसन्न होगा
ये आपका भ्रम है
मन प्रसन्न रखो
*सब दुःख दूर हो जायेंगे*
ये हकीकत है
कर्म बढ़िया होने चाहिये
क्योकि वक्त किसी का नहीं होता
जरा सी बात से
मतलब बदल जाते हैं
*उंगली उठे तो बेइज्जती*
और अंगूठा उठे तो तारीफ
अंगुठे से अंगुली मिले तो
लाजवाब

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