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परम पूज्य प्रातः स्मरणीय अनन्त श्री विभूषित संत शिरोमणि परमहंस बाबा श्रीराममंगलदास जी महाराज को उनकी 40वीं निर्वाणतिथि पर सादर सकृतज्ञ कोटि कोटि नमन वंदन!
महाराज श्री ने नाना मत मतान्तरों में दिग्भ्रमित आस्तिकजनों को सुरति शब्दयोग का तत्वज्ञान कराकर आध्यात्मिक जगत का जैसा पुनरुद्धार किया, वह अन्यतम है। नित्य अनाहत नाद श्रवण में निमग्न रहने वाले पूज्य महाराज श्री चलते फिरते चमत्कार ही थे, पर उन्होंने कभी किसी को चमत्कृत करने का प्रयोग नहीं किया। सिद्धता के शीर्ष पर आरूढ़ होते हुए भी आपका दैन्यानुसंधान आजीवन अप्रतिम रहा। बिना भाषण दिए अपने आचरण से साधना के उच्चतम मानदंडों को स्थापित करने वाले पूज्य परमहंस जी महाराज के सार्वभौम सिद्धांत युगों तक प्रासंगिक रहेंगे।

  • आचार्य सन्तोष, अयोध्या https://x.com/AwasthiSantosh3/status/

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