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विश्वामित्र प्राचीन भारत के महान ऋषि (योगी) थे. ऋषि विश्वामित्र बड़े ही प्रतापी एवं तेजस्वी महापुरुष थे. ऋषि धर्म ग्रहण करने के पूर्व वे विख्यात पराक्रमी और प्रजावत्सल नरेश थे.

गाधि पुत्र विश्वामित्र को वैदिक ऋचाओं में से एक गायत्री मंत्र का दृष्टांत हुआ था. गायत्री मंत्र वर्तमान में प्रचलित शक्तिशाली मंत्रों में से एक है.

विश्वामित्र शब्द विश्व और मित्र से बना है जिसका अर्थ है- सबके साथ मैत्री अथवा प्रेम. महर्षि वशिष्ठ के साथ युद्ध के बाद उन्होंने तप का मार्ग चुना और अपने तपोबल से महर्षि बने.

भगवान श्री राम एवं अनुज लक्ष्मण को महर्षि विश्वामित्र ने असुरों के संहार का मार्ग दिखाया और विश्व शांति के लिए उन्हें अस्त्र-शस्त्र से प्रशिक्षित किया.

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