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*एक चिंतन..*

*जीवन उसी का मस्त है जो स्वयं के कार्य में व्यस्त है ,*
*परेशान वही है , जो दूसरों की खुशियों से त्रस्त है….!!!*

*यह व्यक्तित्व की गरिमा है कि फूल कुछ नहीं कहते ,*
*वरना कभी कांटों को मसलकर दिखाइए , मोन किसी इंसान की कमजोरी नहीं उसका बड़प्पन भी होता है…!!!*

*जीवन में चक्रवात आना भी आवश्यक होता है,*
*____””क्योंकि””___________________*
*तभी तो हमें पता लगता है कि कौन हमारे साथ है, और कौन पतली गली से निकल जाता है…

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