*चंपा षष्ठी आज*
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चंपा षष्ठी का पर्व भगवान शिव के योद्धा अवतार को समर्पित है। इस दिन कार्तिकेय और खंडोबा बाबा की पूजा से दुख और संकट का नाश होता है।
मार्गशीर्ष मास में शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि के चंपा षष्ठी के नाम से जाना जाता है। चंपा षष्ठी व्रत भगवान शिव एवं माता पार्वती के बड़े पुत्र भगवान कार्तिकेय और देव खंडोबा बाबा को समर्पित है।
खंडोबा बाबा भगवान को मार्तण्ड भैरव और मल्हारी जैसे अन्य नामों से भी जाना जाता है, जो भगवान शिव का ही दूसरा रूप है।
चंपा षष्ठी की तिथि
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18 दिसंबर 2023, सोमवार को चंपा षष्ठी का पर्व मनाया जाएगा। चंपा षष्ठी महाराष्ट्र में एक महत्वपूर्ण पर्व है। अगर चम्पा षष्ठी रविवार या मंगलवार के दिन शतभिषा नक्षत्र तथा वैधृति योग के साथ सयुंक्त होती है, तो इस संयोग को अत्यधिक शुभ माना जाता है।
चंपा षष्ठी का मुहूर्त
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पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि 17 दिसंबर 2023 को शाम 05 बजकर 33 मिनट पर इसकी शुरुआत होगी। 18 दिसंबर 2023 को दोपहर 03 बजकर 13 मिनट पर इसका समापन होगा।
अमतृ (सर्वोत्तम) – सुबह 07.07 – सुबह 08.25
शुभ (उत्तम) – सुबह 09.42 – सुबह 11.00
चंपा षष्ठी का महत्व
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पौराणिक कथा के अनुसार मल्ल और मणि नाम के दो राक्षस भाई हुआ करते थे। दोनों राक्षसों ने संतों, देवताओं एवं जन-मानस के जीवन उत्पात मचा रखा था। इनके अत्याचार को खत्म करने के लिए सभी देवता शिव जी के पास पहुंचे। भोलेनाथ ने असुरों का अंत करने के लिए खुद को विशाल योद्धा के रूप में खंडोबा अवतार लिया। उस दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि थी। खंडोबा भगवान ने असुरों का अंत कर देवों और जन मानस की रक्षा की तभी से इस दिन शिव के स्वरूप खंडोबा बाबा की पूजा की जाती है। भगवान शिव का यह खंडोबा रूप किसानों, चरवाहों और शिकारियों का स्वामी माना जाता है। इस दिन कार्तिकेय और खंडोबा बाबा की पूजा करने से सारे दुख, दोष दूर हो जाते हैं।