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पेड़ पर बैठे पंछी को डाली के टूटने का डर नहीं रहता क्योंकि उसे डाली पर नहीं पर अपने पंखों पर विश्वास होता है।

आज से हम स्वयं में विश्वास रखें…

A bird sitting on the tree is never afraid of the branch breaking, because its trust is not on the branch, but on its own wings!



“कर्म का फल व्यक्ति को उसी तरह ढूंढ़ लेता है, जैसे कोई बछड़ा सैकड़ों गायों के बीच अपनी मां को ढूंढ़ लेता है…..!!!”

“आत्मा ना जन्म लेती है, ना मरती है, ना ही इसे जलाया जा सकता है, ना ही इसे भिगोया जा सकता है, आत्मा अमर व अविनाशी है….!!!”


“इस संसार में कुछ भी स्थाई नहीं है। जब यह संसार ही स्थाई नहीं है, तो इस संसार की कोई वस्तु कैसे स्थाई हो सकती है…!!”

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