Spread the love

 

शाहिदी साका
धन धन साहिब श्री गुरु
तेग बहादुर साहिब जी दा
शहीदी पूरब
17 दिसम्बर नं
*ੴ सतिगुर प्रसादि*

*जिह घटि सिमरनु राम को*
सो नरु मुकता जानु॥
तिहि नर हरि अंतरु नही
*नानक* साची मानु॥
*एक भगति भगवान*
जिह प्रानी कै नाहि मनि ॥
जैसे सूकर सुआन
*नानक* मानो ताहि तनु॥

हे आकाल पुर्ख *वाहेगुरु* जिओ
सरबत दा भला करो

*वाहेगुरु जी का खालसा*
*वाहेगुरू जी की फतेह* !!

कर्मों का फल अवश्य ही भोगना पड़ता है!!!

भगवान‌ कहते हैं “मैं किसी का भाग्य नहीं बनाता,हर कोई अपना भाग्य खुद बनाता है।आज जो कर्म तुम कर रहे हो,उसका फल तुम्हे आने वाले समय में प्राप्त होगा!!!

और आज जो तुम्हे प्राप्त है,वह तुम्हारे द्वारा किये गए पहले कर्मों का फल है!!!*

*🙏 Good Morning G🙏*
🙏🏻शुभ प्रभात 🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You Missed