आज का भगवद् चिन्तन
🪷🪷 संगति को सुधारिये 🪷🪷
हमारे व्यवहार पर संगति का बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। गलत संगति के प्रभाव से ही हमारा व्यवहार भी बिगड़ जाता है।
हम कितना भी भजन कर लें, ध्यान कर लें लेकिन हमारा संग गलत है तो हमारा सुना हुआ, पढ़ा हुआ, और जाना हुआ कुछ भी आचरण में नहीं उतर पायेगा।
साधना जगत में संग की बहुत बड़ी भूमिका होती है। व्यवहार की शुद्धि के लिए महापुरुषों का संग अवश्य होना चाहिए।
भगवदीय एवं महापुरुषों के संग के बिना भक्ति मार्ग पर गति संभव नहीं है। दुर्जन की एक क्षण की संगति भी बड़ी घातक होती है। वृत्ति और प्रवृत्ति तो संत संगति से ही सुधरती है।
संग का ही प्रभाव था कि लूटपाट करने वाला, रामायण लिखने वाले वाल्मीकि जी बन गए। थोड़े से भगवान बुद्ध के संग ने अंगुलिमाल जैसे डाकू का भी हृदय परिवर्तन कर दिया।
*जय श्री राधे कृष्ण*