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अयोध्या श्री राम मंदिर का निर्माण के बाद लगातार करोड़ों का चढावा आ रहा है यह यूं कहें अरबों का चढावा आना शुरू हो गया है रामलाल के मंदिर अयोध्या में माता लक्षमी लगातार नोटों की वर्षों कर रहीं हैं आखि़र मंदिर ट्रस्ट इस पैसे का सद्पयोग करनें हेतु ही बनाया गया है आख़िर किस प्रकार मंदिर ट्रस्ट इसका सद्पयोग करेगा और कैसे इससे जनकल्याण समाज कल्याण का कार्य किया जाएगा क्योंकि यह पैसा भी जनता के दान से ही प्राप्त हो पाया है ऐसे में अब इस पैसे से जिस तरह से पहले के राजा महाराज कुआ तालाब बावड़ी बाग बगीचा पाठशाला निराश्रितों के लिए घर बार की व्यवस्था और असहायों इत्यादि की सेवा और सहायता तमाम तरीके से करतें रहें हैं तो इसी तरह से मंदिर निर्माण के बाद अब समाज सेवा का कार्य इस पैसों से किया जाना चाहिए क्योंकि भगवान हमें देता है हमें भगवान को देनें की आवश्यकता नहीं है और जो भी पैसा आ रहा है उसे हमारे देश के जितने भी असहाय निराश्रित और गरीब तबके के लोग हैं उनके लिए आश्रय प्रशय और युवाओं के लिए रोजगार आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए तभी इस पैसे का सदुपयोग संभव हो पाएगा और फलित भी होगा अन्यथा यह पैसा ना तो मंदिर के मठाधीशों महंतों को फलीभूत होगा और ना ही किसी भी कार्य में फलीभूत हो पाएगा क्योंकि जैसा आप जानते हैं की माया महाठगिनी और यदि उसका सही सार्थक इस्तेमाल नहीं किया गया तो फिर वह पैसा किसी भी प्रकार से फली भूत किसी भी व्यक्ति विशेष जन जीवन के लिए नहीं हो पाएगा इस पर शासन सत्ता को ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि ईश्वर प्रदत्त इस पैसे का दूसरों के लिए सदुपयोग हो जनता जनार्दन की सेवा और सहायता के लिए किया जा सके क्योंकि आत्मा में ही परमात्मा का विधान बताया गया है और ये बात भी अकाट्य सत्य है दाता एक राम भिखारी सारी दुनियाँ आज अभी इस वक्त से जन कल्याण का कार्य शुरू कर देना चाहिए ताकि देश प्रदेश जनहित में इसका सद्पयोग संभव हो और सभी फलीभूत हो, “डॉक्टर कंचन सिंह वरिष्ठ पत्रकार वरिष्ठ समाज सेविका

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