साहस का अर्थ डर से रहित होना नहीं है बल्कि यह तय कर लेना है कि डर से ज्यादा महत्वपूर्ण कुछ और भी है।
गुण ना हो तो रूप व्यर्थ है.
विनम्रता ना हो तो विद्या व्यर्थ है…
उपयोग ना आए तो धन व्यर्थ है…
साहस ना हो तो हथियार व्यर्थ है…
भूख ना हो तो भोजन व्यर्थ है…
होश ना हो तो जोश व्यर्थ है…
और परोपकार नहीं करने वालों का जीवन व्यर्थ है
बढ़िया जीवन के चिन्ह – सदा मुस्कुराते रहना, बड़े बड़े सपने लेना, खुल कर हंसना और यह अहसास करना कि आप के पास जितना है वोह भाग्यशाली लोगों के पास ही होता है ।
“एक व्यक्ति बनकर जीना महत्वपूर्ण नहीं है अपितु एक व्यक्तित्व बनकर जीना अधिक महत्वपूर्ण है ,,
क्योंकि व्यक्ति तो समाप्त हो जाता है लेकिन व्यक्तित्व सदैव जीवित रहता है ….
अभिमान तब आता है
जब हमे लगता है हमने कुछ काम किया है,
और
सम्मान तब मिलता है जब दुनिया को लगता है, कि आप ने कुछ महत्वपूर्ण काम किया है।
जो दूसरों को इज़्ज़त देता है
असल में वो खुद इज़्ज़तदार होता है
क्योकि
इंसान दूसरो को वही दे पाता है
जो उसके पास होता है।