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2 अक्टूबर को साल का आखिरी सूर्यग्रहण, क्या भारत में दिखाई देगा रिंग ऑफ फायर?

ज्योतिष में सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना बेहद महत्वपूर्ण मानी गई हैं। 02 अक्टूबर दिन बुधवार को साल 2024 का आखिरी सूर्य ग्रहण लगने जा रहा है।

यह सूर्य ग्रहण पूर्ण सूर्य ग्रहण न होकर वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा।

जिसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जाता है। इस दौरान सूर्य ग्रहण के चलते कुछ स्थानों पर आसमान में आग का एक छल्ला नजर आएगा। 02 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के साथ श्राद्ध पक्ष का समापन होगा। इस बार श्राद्ध पक्ष की शुरुआत 18 सितंबर को चंद्रग्रहण से हुई थी और 02 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण के दिन समापन होने जा रहा है। आइए जानते हैं सूर्यग्रहण की सही डेट, टाइमिंग, भारत में दिखाई देगा या नहीं समेत सभी जानकारी…

कब लगेगा सूर्यग्रहण ?

लक्सर सांई मंदिर के पुजारी पं. अवनीश शर्मा के अनुसार, भारतीय समयानुसार 02 अक्टूबर को रात 09 बजकर 13 मिनट से शुरू होकर देर रात 03 बजकर 17 मिनट पर सूर्यग्रहण का समापन होगा। साल 2024 में दो चंद्रग्रहण और दो सूर्य ग्रहण लगे थे। 02 अक्टूबर को लगने वाला ग्रहण साल का आखिरी का सूर्य ग्रहण होगा। इसके बाद इस साल कोई ग्रहण नहीं लगेगा।

रिंग ऑफ फायर : वैज्ञानिकों के अनुसार, जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीधी रेखा में आते हैं, तो खगोलीय घटना सूर्य ग्रहण घटित होता है। अर्थात जब चंद्रमा घूमते हुए जब सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है, तो सूर्य का प्रकाश धरती पर नहीं पड़ता है, जिसे सूर्य ग्रहण कहा जाता है। चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा करता है, तो उसकी दूरी भी बदलती है। कभी चंद्रमा पृथ्वी के नजदीक तो कभी दूर रहते हैं। पृथ्वी के समीप होने पर चंद्रमा बड़ा दिखाई देता है और दूर होने पर छोटा नजर आता है। सूर्य ग्रहण के समय चंद्रमा अगर पृथ्वी के नजदीक होता है, तो यह बड़े आकार में होने के कारण पृथ्वी से सूर्य को पूरी तरह ढकता है। वहीं, जब दूर होता है, तो छोटे आकार के कारण सूर्य के बीच के हिस्से को ही ढक पाता है। जिससे सूर्य का किनारा नजर आता है,जो आसमान में आग का एक छल्ला बनाता है। इसे रिंग ऑफ फायर कहा जाता है। रिंग ऑफ फायर पूरा होने में लगभग 3 घंटे से ज्यादा का समय लग सकता है, लेकिन वास्तविंक रिंग ऑफ फायर कुछ सेकेंड से लेकर 12 सेकेंड तक देखा जा सकता है।

क्या भारत में दिखाई देगा रिंग ऑफ फायर ?

साल 2024 का आखिरी वलयाकार सूर्य ग्रहण प्रशांत महासागर, दक्षिणी अमेरिका, अर्जैटीना, फिजी,चिली समेत अन्य इलाकों में देखा जा सकेगा। हालांकि, साल 2024 का यह सूर्य ग्रहण भी भारत में नहीं दिखाई देगा।

सूतक काल मान्य होगा या नहीं?

ज्योतिषी पंडित संदीप पाराशर के अनुसार, सूर्य ग्रहण के 12 घंटे पहले से और इसके समापन का तक का समय सूतक काल किया जाता है। इस दौरान शुभ कार्यों की मनाही होती है। मंदिर के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। हालांकि, जहां ग्रहण नजर नहीं आता है। वहां, सूतक काल भी मान्य नहीं होता है। इसलिए साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण भारत में नजर आने के कारण सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।

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