श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं। भगवान श्री कृष्ण का अवतरण इस पावन धरा धाम पर पूर्ण ब्रह्म के रूप में हुआ। उनका अवतरण एवं जीवन चरित्र तथा लीलाएं वेदार्थ कि भांति हमें जीवन मूल्यों, कर्तव्य, तथा विधिपूर्वक धर्म पालन का उपदेश देते हैं।
आज के दिन हमें भगवान श्रीकृष्ण कि लीलाओं पर गम्भीरता पूर्वक विचार करने का दिन है। क्योंकि अवतरण दिवस उनके जीवन प्रकाश से आत्मचिंतन द्वारा स्वयं को प्रकाशित करने का दिन है। भगवान श्रीकृष्ण जीवन में जन्म के पूर्व से ही कठिन संघर्ष आरंभ हो गया था। आरंभ से अन्याय, अत्याचार के विरूद्ध युद्ध तथा सज्जनों , संतों एवं प्रकृति के शुभचिंतकों कि रक्षा हेतु आजीवन युद्ध करते रहें। मानवीय चेतना कि गहराईयों का जो व्यवहारिक उदाहरण आराध्य श्री के पावन चरित्र से प्राप्त होता है। वह संसार में कहीं नहीं है। इसी लिए यह परम सत्य है कि ब्रज कि भूमि यदि अपनी उदात्त मानवीय चेतना जिसकी सीमाओं का आकलन एक परम तपस्वी ही कर सकते हैं।जो सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड स्वयं में समेटें हों जो वेदों का विग्रह स्वरूप ब्रज भूमि पर भगवान श्रीकृष्ण का अवतार एवं उनकी लीलाएं जैसे वेदार्थ का प्रकटीकरण हो ।
मैं आशा करता हूं हम सभी का जीवन में भगवान श्रीकृष्ण के उपदेशों तथा पावन लीलाओं के प्रकाश से प्रकाशित होता रहें। इस पावन श्री कृष्ण जन्माष्टमी महा पर्व पर कोटि-कोटि नमन एवं शुभकामनाओं सहित उत्तरोत्तर वृद्धि कि कामना
शुभेच्छु आपका कुंजबिहारी पाण्डेय राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन। जय श्रीकृष्ण