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बिहार में चल रहे जमीन सर्वे में कैथी लिपि में लिखे गये दस्तावेज परेशानी और विवाद के कारण बन रहे हैं. बिहार भूमि सर्वे में लगे अधिकतर कर्मचारियों को कैथी लिपि का ज्ञान नहीं है.

रैयत भी अब इस लिपि को पढ़ने में असमर्थ हैं, ऐसे जमीन के दस्तावेज में लिखे गये तथ्यों की जानकारी पाना एक बड़ी समस्या बन गयी है. वर्तमान में जिले में इक्के-दुक्के लोग ही कैथी के जानकार रह गये हैं. जो रह गये हैं वे भी काफी वृद्ध हो गये हैं.

कहने को नवयुवकों में कैथी के अक्षर पढ़नेवाले हजारों की संख्या हैं, लेकिन जमीन के दस्तावेज पढ़ने में वो भी असमर्थ है. ऐसे में जमीन सर्वे के दौरान कैथी के जानकार बन कई लोग मोटा पैसा लेकर जो अनुवाद कर रहे हैं वो भविष्य में बड़े विवाद के कारण बन सकते हैं.

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